बुधवार, 5 सितंबर 2012

|| नर्मदाजी की स्तुति ||


|| नर्मदाजी की स्तुति  ||

जय जय जगदम्ब  मातु नर्मदा भवानी  - २

निकसी जलधार जोर, पर्वत पहाड़ फोड़,
दुष्टन के गर्व मोड़, प्रगटी महारानी
जय जय जगदम्ब  मातु नर्मदा भवानी  - २

घाट- घाट छवि अनंत, सेवत सिद्ध साधु संत,
भक्तन आनंद देत,  देवराजधानी
जय जय जगदम्ब  मातु नर्मदा भवानी  - २

भूषण अम्बर विशाल, केशर की खौर भाल ,
मानो रवि उदयकाल, शोभा सुखदानी
जय जय जगदम्ब  मातु नर्मदा भवानी  - २

अमरकंठ प्रगट भई, सागर सौं मिलन गई
मध्य कोटि तीर्थ रचे,  मुक्ति की निशानी
जय जय जगदम्ब  मातु नर्मदा भवानी  - २

ओंकार महिमा अपार, शूलपाणी धुंआधार
शंकर कैलाश त्याग, बसें संग भवानी
जय जय जगदम्ब  मातु नर्मदा भवानी  - २


रेवां पद्मपलाश दीर्धनायानाम श्यामाम सुषोनाधरां 
नासा मौक्तिक चारुहास - सुमुखीं रक्तांच रक्ताम्बराम |
तंत्रीमंक्गाताम करेण शनकै रुन्नाद यंतीम मुहुर
वन्दे मेकल कन्यकां शिव परां सर्वान्ग्भुषावृताम

ॐ नमोस्तुते पुण्यजले, नमो मकरगामिनी
नमस्ते पापमोचिन्ये, नमो देवी वरानने
नर्मदामादीनाथंच प्रणम्य परया गिरा
वैखर्या तू वदे±दुच्चेर नर्मदे हर नर्मदे
नमो नर्मदाये निजानंददाये, नमः शर्म्दाये शमाध्यर्पिकाए
नमो वर्मदाये वराभीती राये नमो हर्म्यदाये हरं दर्शिकाये

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