शुक्रवार, 11 सितंबर 2009

श्री नवगृह स्तुति
श्री गणेशाय नमः
अथः श्री नवगृह स्तुति प्रारम्भ
नमो भास्करम विश्वपालम दिनेशं, निशानाथ चन्द्रम नमामिरकेशम
नमो भुमिपुत्रम कुजो लोहितांगम, नमो रोहिणीनन्द बुधं शुभांगम
नमो ज्ञानगम्यम सुराचार्य पूज्यम, सदा बुद्धि विद्या प्रदातारमिशम
नमो भार्गवं दैत्य पूज्यं अखंडम, नमो कृष्णकायम शनित्वाम प्रचंडं
नमो सेंहिकेयम नमो चंद्र शत्रुं , नमो धुम्रकेतुम शिखी अर्धकायम
नमोहं नमामि नवग्रह देवं , प्रभोदास नित्यं सदेवं भजेहम
ब्रह्मा, विष्णु, महेश, सूर्य, शशि, मंगल भव् बाधा हर दो ,
हे बुध, गुरु, भृगु , राहू, केतु, शनि सब अनिष्ट शांत कर दो
श्री नवग्रहदेवातार्पणमस्तु
प्रस्तुति : पंडित दीनानाथ कराहे ,
श्रीराम मन्दिर, गुजरखेडी (पुनासा ),
जिला - पूर्व निमाड़ , खंडवा
मध्य प्रदेश


गुरुवार, 20 अगस्त 2009

आरती सियावर की


आरती सियावर की

आरती करिये सियावर की, अवधपति रघुवर सुंदर की
जगत में लीला विस्तारी कमल दल लोचन हितकारी ,
मुख पर अलके घुंघराली, मुकुट छवि लगती है प्यारी ,
मृदुल जब मुख मुस्काते है , छीन कर मन ले जाते है ,
नवल रघुवीर, हरे मन पीर, बड़े है वीर,
जयति जय करुणा सागर की
अवधपति रघुवर सुंदर की १

गले में हीरो का है हार, पीतपट ओढत राज दुलार ,
गगन की चितवन पर बलिहार किया है हमने तन मन वार,
चरण है कोमल कमल विशाल, छबीले दशरथ के है लाल ,
सलोने श्याम, नयन अभिराम, पूर्ण सब काम ,
सरितु है सकल चराचर की , अवधपति रघुवर सुंदर की ,
आरती करिये सियावर की अवधपति रघुवर सुंदर की २

अहिल्या गौतम की दारा, नाथ ने क्षण में निस्तारा ,
जटायु शबरी को तारा, नाथ केवट को उद्धारा ,
शरण में कपि भुशुण्डी आये, विभीषण अभय दान पाये
मान मद त्याग, मोह से भाग, किया अनुराग ,
कृपा है रघुवर जलधर की, अवधपति रघुवर सुंदर की
आरती करिये सियावर की अवधपति रघुवर सुंदर की ३

अधम जब खल बढ़ जाते है, नाथ तब जग में आते हैं
विविध लीला दर्शाते है , धर्म की लाज बचाते हैं
बसों नयनो में श्री रघुनाथ मातुश्री जनकनंदिनी साथ ,
मनुज अवतार लिए हरबार, प्रेम विस्तार,
विनय है लक्ष्मण अनुचर की , अवधपति रघुवर सुंदर की
आरती करिये सियावर की अवधपति रघुवर सुंदर की ४
सियावर रामचंद्र की जय

पंडित दीनानाथ कराहे ,
श्रीराम मन्दिर , गुजरखेड़ी, (पुनासा)
जिला पूर्व निमाड़ - खंडवा (मध्य प्रदेश )

शुक्रवार, 13 मार्च 2009


श्री बजरंग स्तुति




बजरंग बली मेरी नाव चली, जरा बल्ली से पार लगा देना

मुझे रोग न शोक न घेर लिया, मेरे ताप को नाथ मिटा देना

बजरंग बली मेरी नाव चली ......... १


मै दास तो आपका जन्म से हूँ, बालक और शिष्य भी धर्म से हूँ

बेशर्म विमुख निज कर्म से हूँ, चित से मेरा दोष भुला देना

बजरंग बली मेरी नाव चली ................२


दुर्बल हूँ गरीब हूँ दीन हूँ मै , निज कर्म क्रियागति क्षीण हूँ मै

बलवीर तेरे आधीन हूँ मै , मेरी बिगड़ी हुई को बना देना

बजरंग बली मेरी नाव चली ................. ३


बल दे के मुझे निर्भय कर दो , यश शक्ति मेरी अक्षय कर दो

मेरे जीवन को सुखमय कर दो , संजीवन लाय पिला देना

बजरंग बली मेरी नाव चली .............४


करूणानिधि आपका नाम भी है , शरणागत राधेश्याम भी है

इसके अतिरिक्त यह काम भी है, सियारामजी से मोह मिला देना

बजरंग बली मेरी नाव चली जरा बल्ली से पार लगा देना ५

सियावर रामचंद्र की जय

ब्रह्मलीन परमपूज्यनीय श्री श्री १००८ संत श्री बाबा मोहनदासजी महाराज

सत्यनारायण मन्दिर सनावद